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Wednesday, June 1, 2011

हम ज्वलनशील झारखंडी !

हम झारखंडी बड़े ज्वलनशील पदार्थ होते हैं . किसी का सुख इन्हें देखा नहीं जाता . जरा सा इधर का उधर हुआ नहीं कि पैर का गुस्सा चुंदी में ... वे जानते भी हैं कि उनके गुस्साने से कुछ होना जाना नहीं है लेकिन अपना ब्लड प्रेशर बढ़ा कर अपना ही नुकसान करने पर उतारू हो जाते हैं ...अब कितना गिनवाए , मधु भैया को ही ले .. अरे आप तो मधुकांत पाठक को लेने लगे , नहीं भाई मधु कोड़ा .. बेचारा सीधा साधा आदमी ..उठो तो उठो और बैठो तो बैठो वाला भाई ..अब निगरानी का मद्रासी भाई ( एम् वी राव ) उनके पीछे का पड़ा कि मधु भैया को अपना छत्ता बिरसा मुंडा कारागार में बनाना पड गया ..केतना बढ़िया एक उदाहरण पेश किये थे कि गरीब का बच्चा भी करोडपति बन सकता है लेकिन वही ज्वलनशील पदार्थ हो गए सक्रिय ... मधु भाई ने तो अपनी भागी धरमपत्नी को भी अपना कर कलियुग का राम बनके दिखा दिया लेकिन अपने " जल्लू " भाइयो को सुहाया नहीं . राम को १४ साल का वनवास हुआ था मधु भाई को कारावास ... अब ये जल्लू भाई इस बात को लेकर परेशां हैं कि मधु भाई इलाज कराने के बहाने कभी एम्स तो कभी रिम्स के कोतेज में आनंद लेते हैं ...तो का मधु भाई अपना जवानी ऐसे ही बिता दे ..राम के तो साथ सीता थी ..कलियुगी राम कवारे ही जवानी नहीं न बिताएंगे .... अब आपलोग तो मधु के बाद मधुकांत भाई को लेकर टेंशन में आने लगे ...आने दीजिये उनकी बारी भी आएगी लेकिन जलिए नहीं ...जलिए तो दीपक की तरह ...
आज तो इतना ही , अरे संपादकी कर रहे हैं तो जल्दिये भेंट घाट होते ही रहेगी ..
अभी तो बस ,
जोहार

2 comments:

  1. इ दिल फाड़ू संपाकीय के लिए सभी इडियटों की ओर से दिल फाड़ बधाइयां...ऐसे ही दिल फाड़ते रहो संपादक...दिल के सर्जनों को खूब कमाई होगी...

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  2. mer age piche ghumte ho bhwaron ki tarah,baba madu hain to gumenge hi..jai jharkhandi

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