गनौरी बाबु इडियट न्यूज़ में एक दिन का आये कि खुद को नेता ही समझने लगे . बोलबो किये जतना कमेन्ट मेरा न्यूज़ में मिला ओतना तो कोइयो में नहीं आया है .अपन सोचा कि फिर से अजमाकर देखा जाये .. सो बोले कि गनौरी बाबू बताईये इडियट न्यूज़ में का का चाहिए . बोले सब बढिए चल रहा है लेकिन कुछ लोग निजी टिप्पणी करने लगे हैं इससे बचिए . हम बोले, " ठीके कहते हैं कल को जाके वही होगा कि सास पुतोहिया एके होईहे भावा कुट्टन घर जइहें ".यानि कि सास बहु के झगडे में नहीं पड़ना चाहिए ,काहे कि दोनों आखिर में एके हो जायेंगे और पंचैती करने वाले को चुपचाप दुम दबा के घर चले जाना होगा . बोले , अब राजनीति तो हम भी समझने लगे हैं न ...मुखिया का चुनाव लड़ा है ...देखिये न , कभी गुरूजी और चेले में पटती नहीं थी अब दूनो एके साथै चोंच सटाए हुए हैं उधर दिल्ली का राजनीति देखिये ममता हो कि जयललिता कांग्रेस के साथे कभी हा कभी न करते रहते हैं सो आपसे कह रहे हैं कि जईसे राजनीति में न काहू से दोस्ती न काहू से बैर , होता है वैसे ही पतकारिता में भी होना चाहिए न कांग्रेस का न बीजेपी का न माया का मुलायम का , न अन्ना का न रामदेव का , नहीं तो देखिये न बड़ा बड़ा लोग कईसा बदनाम हो रहे हैं . हमने पूछा गनौरी बाबू एतना जो प्रवचन दे रहे हैं ऊ तो हम पाहिले से जानते हैं लेकिन आपका इशारा किसके तरफ है . बोले नहीं न बताएँगे नाम ...बताके हम थोड़े किसी से पंगा लेंगे , अरे हम भी राजनीति के खेलाडी हैं भले मुखिया का चुनाव हार गए लेकिन हैं तो राजनीतिबाज ही ...ऊ गनवा नहीं है ," समझने वाले समझ गए, न समझे वो अनाड़ी है " फिर कहे कि ई इडियट समाचार हंसी हंसी में व्यंग करने का मंच है .
सो भाई लोग बहिन लोग और सब अलानवा फलनवा ,.... आज के ई सम्पादकीय में हमने बिना नाम लिए कई लोगो का नाम ले लिया जिसपर जो लागू हो समझ लीजियेगा , आउर समझ में नहीं आया तो अनाड़ी बने रहिएगा
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