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Thursday, June 9, 2011

.....लेकिन बड़ी तो भैंस ही है !


एक कांग्रेसी भाई से पूछा ," अक्ल बड़ी या भैंस " , छूटते ही बोला -" भैंस ". पूछा - कैसे? तपाक से बोले , " आलाकमान कहती है , " आलाकमान जो कहती है सही कहती है ? बोले - " दो सौ फीसदी सही कहती है " आलाकमान क्या कहती है ? अब वे बोलते भये --- आलाकमान बहुत कुछ बोलती है , अभी कुछ नहीं बोल रही है इसलिए जो पहले बोली थी वही अभी भी चल रहा है , आला कमान ने कहा था उत्तर प्रदेश में जंगल राज है , पूर्वोत्तर राज्यों में विकास कार्यो में तेजी लानी होगी , इस साल मानसून अच्छी हुई तो महंगाई कम होगी , हमें गरीबो की चिंता है ,सूचना का अधिकार ...नरेगा ...दक्षिण में चुनाव .......मैंने बीच में ही टोका --- जनाब पूरे देश में भ्रष्टाचार और कालाधन का मुद्दा छाया हुआ है इसपर आलाकमान ने क्या कहा --- कहाँ ? काला धन और भ्रष्टाचार कहा है, अभी तक तो आलाकमान ने कुछ कहा नहीं तो न भ्रष्टाचार है न काला धन . तब तो आपको यह भी पता नहीं होगा कि अन्ना हजारे और बाबा रामदेव क्या कर रहे हैं ?बोले -- नहीं अन्ना हजारे को तो नहीं विजय हजारे को जानता हूँ , अच्छे खिलाडी रहे है क्रिकेट में देश का बहुत नाम रोशन किया , और बाबा ? बाबा तो दुनिया में एक ही हैं हम कांग्रेसियों के लिए ,वह हैं अपने राहुल बाबा .इसलिए कौन हड़ताल पर और कौन अनशन पर हमें नहीं पता . इन छोटे मोटे कामो के लिए दिग्गी राजा और सिब्बल साहब तो हैं ही ." ...पूछा --आपलोगो की अपनी राय नहीं होती ? बोले -- आप मुझ कांग्रेसी को भ्रष्ट करने में लगे हुए हैं .अपनी राय का मतलब भ्रष्ट कांग्रेसी , गैर कांग्रेसी होना भ्रष्टाचार है आप इस भ्रष्टाचार के बारे कुछ क्यों नहीं लिखते बोलते...मै चुप लगा गया उनके सामने मेरी बोलती बंद हो गयी , सचमुच कांग्रेस के इस भ्रष्टाचार पर तो मैंने कुछ लिखा कहा नहीं ...लेकिन इस कांग्रेसी भाई को कौन समझाए बात वही न होती कि भैंस के आगे बीन बजाये ......अपनी लाचारी देख मान गया कि भैंस ही बड़ी होती है
आज तो इतना ही , कल भी इसी जगह पर मिलेंगे ...
जोहार
योगेश किसलय

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