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Friday, June 17, 2011

दूध मेला यानि दूधो नहाओ पूतो फलो !


बचवा सन्नी ने एक फोटू लगाया है ...दुधारू मेला का ..गैया और भैंसन के बीच अर्जुन मुंडा मुस्कुरा रहे हैं ... याद आ गया लालू भैया का .. दू गो कहानी उनका बड़ा हिट है . आज सुना देते हैं ... लालू जी भैंस खरीदने गए ..तीन गो भैंस का अलग अलग दाम बताया गया ..पहिला भैंस दस किलो दूध देता है ..इसका दू गो बछड़ा है ..दाम दस हजार रूपया ..दूसरा भैंस बीस किलो दूध देता है एक गो बछड़ा है , दाम बीस हजार रूपया ..तीसरा भैंस न तो दूध देता है न बछड़ा है ..दाम तीस हजार रुपया ..लालू चौंके, बोले, तीसरका का दाम सबसे बेसी काहे जबकि ई दूधो नहीं देता न बछड़ा है ..भैंस का मालिक बोला .." हुजूर इसका कैरेक्टर भी तो देखिये ..." .दूसरका कहानी है ..लालू एक बार अमरीका गए ..वहा कम्पटीशन लगा हुआ था कि कौन बेसी दूध दुह सकता है . रूस का ग्वाला गया और पचीस किलो दूध दुह लिया ..अमरीका वाला तीस किलो दुह के निकला ...लालू भैया गए और बड़ी देरी बाद निकले और केवल एके किलो दूध निकाल सके ...सब हंसने लगा और पूछा कि का भाया लालू जी ..लालू जी बोले , साला बड़ी मुश्किल से एक किलो निकला ..का करे अपने तो गाय का दूध निकाला हमको बैल दे दिया था तबो हम एक किलो निकाले दिए ...तो भाई दूध मेला में लालू भैया की याद आ गयी ...लालू भैया ने जो रास्ता दिखाया कि बैल से भी एकाध किलो दूध निकाल ले सो झारखण्ड के नेतवन ऐसा ही कर रहे हैं ..कौनो विभाग काहे न दे दीजिये लहर गिन के पैसा बना लेते हैं ..किसी को कोई तकलीफ नहीं कि हमको दुधारू वोभाग काहे नहीं दिए ..माल हर विभाग में है ..दूहने जानना चाहिए . अब ई मेला में देखिये न कितना के वारे न्यारे होंगे .. दूध .मेला के बादे बचवा सन्नी बताएगा कि इस मेला में कौन दूधो नहाया और पूतो फला
फिलहाल अपन तो चले भैंसिया दूहने
योगेश किसलय का ..जोहार!!!!

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